प्रस्तावना

“सिटिजन डेवलपमेंट (Citizen Development)” शब्द हाल के वर्षों में DX और मानव संसाधन एवं आईटी इंजीनियर की कमी के संदर्भ में तेज़ी से फैला है। लेकिन जब हम उसके असली स्वरूप को समझने की कोशिश करते हैं, तो अतीत की परछाइयाँ अनिवार्य रूप से सामने आती हैं।

──EUC (End User Computing), कामी एक्सेल… मौके की टीमों ने स्वयं जो परिसंपत्तियाँ बनाईं, वे अल्पकाल में उद्धारकर्ता बनीं और लंबी अवधि में नकारात्मक विरासत में बदल गईं।

शब्द-स्पष्टीकरण: जापानी कंपनियों में कामी एक्सेल (神エクセル) एक मज़ाकिया नाम है उन विशाल Excel शीटों के लिए जिनमें मैक्रो और परस्पर जुड़े फ़ॉर्मूले भरे रहते हैं। वे फ्रंटलाइन टीमों को तात्कालिक रूप से बचाती हैं, लेकिन समय के साथ रखरखाव-असमर्थ बोझ बन जाती हैं। EUC जापान में इसलिए पनपा क्योंकि व्यवसाय इकाइयाँ केंद्रीकृत आईटी से तेज़ी से समस्याएँ सुलझाना चाहती थीं, पर इसका मूल्य दीर्घकालीन गवर्नेंस की कमी के रूप में चुकाना पड़ा।

यह श्रृंखला इतिहास → वर्तमान → जेनरेटिव एआई का दौर → भविष्य की परिकल्पना की क्रमिक यात्रा से सिटिजन डेवलपमेंट के भविष्य को पढ़ने की कोशिश करती है।


पूरी श्रृंखला की संरचना

भाग 1: “सिटिजन डेवलपमेंट क्या EUC की वापसी है?── कामी एक्सेल से मिली ऐतिहासिक सीख”

सिटिजन डेवलपमेंट कोई नया विचार नहीं, बल्कि EUC का रीबूट है। EUC और कामी एक्सेल (ネ申エクセル) के इतिहास से अल्पकालीन सफलता और दीर्घकालीन ऋण का पैटर्न समझा जाता है।

भाग 2: “क्या ‘कामी एक्सेल’ सचमुच खलनायक था?── उद्धारकर्ता से नकारात्मक विरासत तक”

कामी एक्सेल बुरा नहीं था; वह अपने समय की “अनिवार्य बुराई” था। असली समस्या यह थी कि संगठन उन परिसंपत्तियों का शासन नहीं कर सके जिन्हें फ्रंटलाइन ने बनाया।

भाग 3: “आधुनिक सिटिजन डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म का उजाला और अंधेरा”

RPA, नो-कोड और लो-कोड प्लेटफ़ॉर्म कार्यकारियों को भाने वाले “विज़ुअलाइज़ेशन बायस” से लोकप्रिय होते हैं, लेकिन जल्दी ब्लैक बॉक्स बन जाते हैं और कामी एक्सेल से भी बुरा बोझ बनने का जोखिम रखते हैं।

भाग 4: “जेनरेटिव एआई कौन-सी विरासत बचाएगा और किन्हें छोड़ देगा”

कोड को जेनरेटिव एआई से पढ़ा और माइग्रेट किया जा सकता है, पर नो-कोड या RPA परिसंपत्तियाँ आसानी से नहीं बचतीं। भविष्य का असली बोझ वही होगा जो कभी कोड में नहीं उतरा।

भाग 5: “सिटिजन डेवलपमेंट सर्वशक्तिमान नहीं—यह ‘ड्राफ्ट डेवलपमेंट’ है”

सिटिजन डेवलपमेंट का लक्ष्य प्रोडक्शन सिस्टम बनाना नहीं, बल्कि आवश्यकताओं को दृश्य बनाने वाला जीवंत ड्राफ्ट तैयार करना है।

भाग 6: “दृष्टिकोण का अंतर नकारात्मक विरासत को कैसे बढ़ाता है”

नकारात्मक विरासत का जनक कोई तकनीक नहीं, बल्कि शीर्ष प्रबंधन है जो दीर्घकालिक दृष्टि छोड़कर अल्पकालिक परिणामों का पीछा करता है। प्रबंधन, फ्रंटलाइन और आईटी—तीनों को अपनी-अपनी जिम्मेदारी पहचाननी चाहिए।

भाग 7: “विरासत जन्म लेती रहती है, फिर भी उसे वश में करो── सिटिजन डेवलपमेंट का भविष्य दृष्टि”

लेगेसी तो अवश्य पैदा होगी। अहम यह है कि ऋण बनने को टाला जाए और उसे ऐसी अवस्था में पाला जाए जिसे ज़रूरत पड़ने पर बचाया जा सके।


श्रृंखला का निष्कर्ष

  • सिटिजन डेवलपमेंट सर्वशक्तिमान नहीं है। यह प्रोडक्शन सिस्टम गढ़ने का साधन नहीं, बल्कि प्रथम प्रोटोटाइप और आवश्यकताओं की भाषा के रूप में उपयोगी है।

  • नकारात्मक विरासत हमेशा जन्म लेती है। Excel, RPA और कोड-आधारित सिस्टम—समय के साथ सब लेगेसी बनते हैं। फर्क बस इतना है कि उन्हें बचाया जा सकता है या नहीं।

  • जेनरेटिव एआई खेल बदल देता है। जेनरेटिव एआई से कोडेड परिसंपत्तियों को पढ़ने और समझने की क्षमता उछाल लेती है, जिससे कुछ लेगेसी को बचाने की संभावना बढ़ती है। दूसरी ओर, नो-कोड/RPA बचाना मुश्किल हैं और भविष्य में सबसे विषाक्त बोझ बन सकते हैं।

  • कुंजी है जिम्मेदारी और गवर्नेंस। प्रबंधन, फ्रंटलाइन और आईटी—तीनों को अपने-अपने दृष्टिकोण के अनुरूप जिम्मेदारी लेनी होगी और परस्पर अनुवादक बनना होगा।


समापन

सिटिजन डेवलपमेंट को “लोकतंत्रीकृत विकास” कहकर प्रचारित किया जाता है, पर व्यवहार में यह इतिहास को दोहराने का खतरा समेटे हुए है। भविष्य की ओर देखते हुए हमें माया छोड़कर इसे यथार्थपरक रूप से पुनर्स्थापित करना होगा।

सिटिजन डेवलपमेंट भविष्य का नायक नहीं है। लेकिन यह आवश्यकताओं को संवारने वाला शक्तिशाली ड्राफ्ट टूल बन सकता है। लेगेसी मिटाने की चीज़ नहीं, बल्कि वश में करने की चीज़ है।

इस श्रृंखला के माध्यम से हम सिटिजन डेवलपमेंट की “सही भविष्य-छवि” उकेरना चाहते हैं।

यह अनुमान सही बैठेगा या नहीं, समय बताएगा।