प्रस्तावना

अब तक की छह कड़ियों में हमने सिटिजन डेवलपमेंट का इतिहास, कामी एक्सेल का गुण-दोष, नो-कोड/लो-कोड का उजाला और अंधेरा, जेनरेटिव एआई का प्रभाव और गवर्नेंस का सार देखा है। इस अंतिम कड़ी में हम समग्र निष्कर्ष के रूप में “लेगेसी लगातार जन्म लेती रहेगी, फिर भी हमें उसे वश में करना होगा” की दृष्टि से सिटिजन डेवलपमेंट के भविष्य का रेखांकन करते हैं।

सिटिजन डेवलपमेंट को “करना या न करना” की सरल बहस तक सीमित नहीं किया जा सकता। इतिहास बताता है कि वहाँ हमेशा “अल्पकालिक सफलता” और “दीर्घकालिक ऋण” एक-दूसरे की पीठ से सटे रहते हैं। इस वास्तविकता को स्वीकार करके भी हमें भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए किस तरह आचरण करना चाहिए—अब उसी जवाब को पकड़ने की बारी है।


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लेगेसी “गायब नहीं होगी”, फिर भी आगे बढ़ो

“ऐसी तकनीक मौजूद है जो नकारात्मक विरासत पैदा नहीं करती”—यह भ्रम ही अनगिनत असफलताओं का कारण रहा है।

EUC और कामी एक्सेल ने शुरुआती दिनों में फ्रंटलाइन को बचाया, लेकिन संगठनात्मक नियंत्रण के अभाव में वे ब्लैक बॉक्स बने और अंततः नकारात्मक विरासत साबित हुए।

आज के नो-कोड/लो-कोड प्लेटफ़ॉर्म सामने से चमकते हैं, पर वास्तविकता यह है कि वे “कामी एक्सेल 2.0” की दिशा में बढ़ रहे हैं। और चौथी कड़ी में देखा कि जेनरेटिव एआई भी कोड में दर्ज न किए गए RPA और नो-कोड परिसंपत्तियों को आसानी से पुनर्जीवित नहीं कर सकता।

निष्कर्ष स्पष्ट है। लेगेसी अवश्य पैदा होगी। और हर कर्मचारी आईटी विभाग जितना कुशल होकर कामी एक्सेल को नियंत्रित नहीं कर पाएगा।

इसलिए प्रश्न “लेगेसी को कैसे रोका जाए” नहीं होना चाहिए। हमें पूछना चाहिए—“लेगेसी को कैसे वश में रखकर भविष्य से जोड़ा जाए”


“ड्राफ्ट” और “क्लीन कॉपी” का बँटवारा ही भविष्य का रास्ता है

पाँचवीं कड़ी ने दिखाया कि सिटिजन डेवलपमेंट का असली मूल्य “ड्राफ्ट” तैयार करने में निहित है। जब फ्रंटलाइन अपने काम के अनुरूप व्यवस्था स्वयं गढ़ती है, तो आवश्यकताएँ स्पष्ट होती हैं और गलतफ़हमियाँ घटती हैं। लेकिन उसी रूप में उसे उत्पादन के लिए छोड़ देने पर प्रणाली जल्द ही ढह जाती है।

भविष्य की तस्वीर में सबसे महत्वपूर्ण है कि हम “ड्राफ्ट” और “क्लीन कॉपी” के बीच स्पष्ट बँटवारा को संगठनात्मक संस्कृति का हिस्सा बनाएँ।

  • सिटिजन डेवलपमेंट एक त्वरित स्केच है, जो व्यावसायिक जरूरतों को दृश्य रूप देता है।
  • आईटी विभाग या विशेषज्ञ उस स्केच को “क्लीन कॉपी” में बदलते हैं और टिकाऊ प्रणाली बनाते हैं।
  • जेनरेटिव एआई इस पुल को मजबूत करता है, जिससे क्लीन कॉपी लिखने की गति और गुणवत्ता दोनों बढ़ती हैं।

यही वह मार्ग है जिससे सिटिजन डेवलपमेंट भविष्य में भी जीवित रह सकता है।


दृष्टिकोण को संरेखित करना—चार पक्षों की पुनर्संरचना

छठी कड़ी ने स्पष्ट किया कि सिटिजन डेवलपमेंट के नकारात्मक विरासत में बदलने का सबसे बड़ा कारण दृष्टिकोण का असंतुलन है।

  • प्रबंधन अल्पकालिक परिणामों में उलझकर दीर्घकालिक संरक्षण को भूल जाता है।
  • फ्रंटलाइन “कल भी चल जाए तो ठीक है” की भावना से काम चलाती है।
  • आईटी विभाग जोखिम की घंटी बजाता है, पर संसाधन की कमी के कारण क्रियान्वयन क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
  • मध्य प्रबंधक ऊपर और नीचे के बीच फँसकर अल्पकालिक दबाव को आगे बढ़ा देते हैं और गवर्नेंस की जिम्मेदारी छोड़ देते हैं।

भविष्य को वश में करने के लिए इन चारों के समय क्षितिज को फिर से मिलाना होगा। गवर्नेंस केवल नियम या दंड नहीं, बल्कि अलग-अलग समय क्षितिजों को एक धागे में पिरोने की प्रक्रिया है।

प्रबंधन को ऐसे सूचक चाहिए जो अल्पकालिक परिणाम और दीर्घकालिक संरक्षण दोनों को दृश्य करें। फ्रंटलाइन को ऐसी व्यवस्था चाहिए जिससे वे गति बनाए रखते हुए सुरक्षा और अनुशासन भी निभा सकें। आईटी विभाग को केवल चेतावनी देना काफी नहीं, उसे अमल तक ले जाने की ताकत भी चाहिए। मध्य प्रबंधकों को समन्वयक की जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी और तिमाही लक्ष्य का दबाव आगे धकेलने के बजाय संतुलन बनाना होगा।

जब ये चारों दृष्टिकोण तालमेल में आते हैं, तभी सिटिजन डेवलपमेंट “लेगेसी बनाने की मशीन” से “भविष्य की नींव” में बदलता है।


भविष्य दृष्टि—“लेगेसी के साथ सह-अस्तित्व वाला DX”

आदर्श यह नहीं कि लेगेसी पूरी तरह मिट जाए। आदर्श है “लेगेसी के साथ सह-अस्तित्व वाला DX”।

  • नई तकनीक अपनाते हुए भी, जो लेगेसी पैदा हो उसे संभालें और बचाव योग्य रूप में कोड के तौर पर दर्ज करें।
  • सिटिजन डेवलपमेंट को “ड्राफ्ट” के रूप में उपयोग करें, जबकि जेनरेटिव एआई और विशेषज्ञ उसे “क्लीन कॉपी” में बदलते हैं।
  • गवर्नेंस दृष्टिकोण के अंतर को सीमित करे और सतत सुधार चक्र को प्रक्रिया में बाँधे।

यह भी याद रखना चाहिए कि EUC के दौर में एक्सेल से काम बचाने वाले लोग ही अग्रगामी और समर्पित नायक थे। उनकी विरासत को “कामी एक्सेल” कहकर हँसी में उड़ाना हमारी भूल होगी। उनकी मेहनत और बुद्धिमत्ता ने ही फ्रंटलाइन, और कभी-कभी प्रबंधन तक, को संकट से निकाला और आज के सिटिजन डेवलपमेंट व DX की नींव तैयार की।

जब हम यह दृष्टि रखते हैं तो सिटिजन डेवलपमेंट दस साल बाद “नकारात्मक विरासत” कहकर नहीं कोसा जाएगा। यह संगठन की संस्कृति का हिस्सा बनकर लगातार विकसित होने वाली सह-निर्माण प्रणाली बन सकता है।