क्या ‘कामी एक्सेल’ सचमुच खलनायक था?── उद्धारकर्ता से नकारात्मक विरासत तक 2/7 भाग
प्रस्तावना
पिछली कड़ी में हमने पुष्टि की थी कि EUC “सिटिजन डेवलपमेंट का मूल रूप” है और कामी एक्सेल उसके प्रतीकात्मक उदाहरणों में से एक है। अब अगला प्रश्न यह है—क्या कामी एक्सेल सचमुच “बुरा” था?
सीधे कहें तो, कामी एक्सेल स्वयं बुरा नहीं था। शुरुआत में वह फ्रंटलाइन के लिए उद्धारकर्ता था और उत्पादनशीलता में विस्फोटक वृद्धि लेकर आया। बाद में वह “नकारात्मक विरासत” में बदल गया, लेकिन इसका कारण Excel की सीमाएँ या दोष नहीं, बल्कि संगठनों की शासन-कमी और समाज-स्तरीय आईटी साक्षरता की कमी थी।
और एक कदम आगे बढ़ें तो, “कामी एक्सेल” शब्द मूल रूप से बाद की पीढ़ियों द्वारा किया गया व्यंग्य भर है। यदि ऐसा समाज बन पाया होता जहाँ हर कोई फ़ंक्शन और VBA समझता, तो यह आदर्श, तत्क्षण स्वचालन मंच के रूप में काम कर सकता था।
पूरी श्रृंखला
- सिटिजन डेवलपमेंट का भविष्य देखने की कोशिश── इतिहास, वर्तमान, जेनरेटिव एआई और आगे 0/7(जापानी संस्करण)
- सिटिजन डेवलपमेंट क्या EUC की वापसी है?── कामी एक्सेल से मिली ऐतिहासिक सीख 1/7(जापानी संस्करण)
- क्या ‘कामी एक्सेल’ सचमुच खलनायक था?── उद्धारकर्ता से नकारात्मक विरासत तक 2/7(यह लेख)
- आधुनिक सिटिजन डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म का उजाला और अंधेरा 3/7
- जेनरेटिव एआई सिटिजन डेवलपमेंट को कैसे प्रभावित करता है 4/7
- गवर्नेंस और नकारात्मक विरासत से बचने के उपाय 5/7
- दृष्टिकोण का अंतर नकारात्मक विरासत कैसे पैदा करता है 6/7
- सिटिजन डेवलपमेंट का भविष्य दृष्टि── विरासत जन्म लेती रहती है, फिर भी उसे वश में करो 7/7(जापानी संस्करण)
‘कामी एक्सेल’ ‘उद्धारकर्ता’ क्यों था
1980 और 1990 के दशक में कई जापानी कंपनियाँ इस कठोर वास्तविकता से जूझ रही थीं कि “केवल सूचना-प्रणाली विभाग से सभी काम संभाले नहीं जा सकते।”
- आईटी जनशक्ति हमेशा कमी में रहती थी।
- कोर सिस्टम जड़ थे और मामूली सुधार में भी महीनों लग जाते थे।
- दूसरी ओर, फ्रंटलाइन का कार्य रोज़ बदलता था और गति ही जीवनरेखा थी।
ऐसी परिस्थिति में Excel ने तात्कालिक टूल के रूप में जबरदस्त ताकत दिखाई। इनपुट फ़ॉर्म बनाए गए, फ़ंक्शनों से गणनाएँ स्वचालित हुईं, और ज़रूरत पड़ने पर मैक्रो लिखे गए—बस इतना ही कि “काम को रोके बिना आपातकालीन इलाज” फ्रंटलाइन अपनी ही ताकत से कर सके।
यानी कामी एक्सेल संगठन की आईटी बॉटलनेक को तोड़ने के लिए फ्रंटलाइन के हाथ में आया हथियार था।
‘कामी एक्सेल’ शब्द की उत्पत्ति
महत्वपूर्ण बात यह है कि उस समय “कामी एक्सेल” जैसी कोई संज्ञा मौजूद नहीं थी। उपयोगकर्ताओं के लिए Excel तो बस एक उद्धारकर्ता, “काम की तरकीब” या “फ्रंटलाइन की सूझ-बूझ” भर था।
“कामी एक्सेल” शब्द बाद की पीढ़ियों में फैला। जब कार्यों का व्यक्तिकरण हुआ और ऐसी फ़ाइलें संगठन में बचीं जिन्हें कोई पढ़ नहीं पाया, तो लोगों ने उन्हें तंज़ के साथ यूँ पुकारना शुरू कर दिया। इसलिए कामी एक्सेल उस समय की समस्याओं को सीधे दर्शाने वाला नाम नहीं, बल्कि बाद की पीढ़ियों ने चिपकाया हुआ व्यंग्यात्मक लेबल है।
मूल रूप से यह “हर किसी के पढ़ने योग्य तंत्र” था
शांत दिमाग से देखें तो Excel के फ़ंक्शन और VBA कोई रहस्यमय कोड नहीं हैं। न्यूनतम आईटी साक्षरता हो तो कोई भी उन्हें पढ़ कर तर्क समझ सकता है।
यदि समाज में यह संस्कृति बन पाती कि “फ़ंक्शन और स्क्रिप्ट पढ़ना-लिखना सामान्य है”, तो कामी एक्सेल “किसी को समझ न आने वाला ब्लैक बॉक्स” नहीं, बल्कि फ्रंटलाइन के लिए तुरंत प्रतिक्रिया देने वाला पारदर्शी स्वचालन उपकरण बना रहता।
अर्थात कामी एक्सेल मूल रूप से आदर्श उत्पादकता साधन बन सकता था, पर साक्षरता की कमी ने उसे नकारात्मक विरासत में बदल दिया—यह एक विरोधाभासी अस्तित्व है।
उद्धारकर्ता “नकारात्मक विरासत” कैसे बना
फिर भी हक़ीक़त में यह आदर्श नहीं आ पाया।
- यहाँ तक कि आईटी तकनीशियन भी Excel-विशेष फ़ंक्शन और VBA से बचते रहे।
- “थोड़ा पढ़ो तो समझ आने वाली फ़ाइलें” धीरे-धीरे “जिसे कोई छू न सके ऐसा ब्लैक बॉक्स” बन गईं।
- और इसी तरह लोगों ने बाद की पीढ़ी के दृष्टिकोण से तंज़ कसते हुए उन्हें “कामी एक्सेल” कहना शुरू किया।
संक्षेप में, कामी एक्सेल की घटना Excel की खामी नहीं, बल्कि शिक्षा और प्रबंधन की कमी से पैदा हुआ भ्रम थी।
नकारात्मक विरासत में गिरने की प्रक्रिया
समय के साथ यह तात्कालिक हथियार संगठन के लिए जोखिम बनने लगा।
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विस्तार और ब्लैक बॉक्सिकरण
हज़ारों सेल में सूत्र भर गए और कोई भी संपूर्ण तस्वीर समझ नहीं सका। -
व्यक्तिकरण
बनाने वाला व्यक्ति स्थानांतरित या सेवानिवृत्त होते ही सारी जानकारी “खोया हुआ ज्ञान” बन गई। -
गवर्नेंस का अभाव
सूचना-प्रणाली विभाग ने इसे “फ्रंटलाइन की मनमानी तरकीब” मानकर छोड़ दिया, जिससे सुरक्षा और ऑडिट की खामियों के साथ इसका लाइव उपयोग चलता रहा।
इस तरह कामी एक्सेल संगठन के लिए टालना मुश्किल नकारात्मक विरासत बन गया।
तकनीकी सीमाओं ने आग में घी डाला
Excel की संरचनात्मक सीमाओं ने भी ब्लैक बॉक्स बनने की प्रक्रिया को तेज़ किया।
- स्कीमा का अभाव: डेटाबेस जैसी प्रकार या बाधाएँ न होने के कारण कॉलम बिना व्यवस्था के फैलते गए।
- संस्करण प्रबंधन की कठिनाई: प्रतिलिपि बनाने से इतर कोई इतिहास नहीं रहता था, इसलिए बदलावों का पता लगाना और उन्हें एकीकृत करना लगभग असंभव था।
- संचालन डिज़ाइन का अभाव: अधिकार प्रबंधन या ट्रांज़ैक्शन प्रसंस्करण जैसी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए व्यवसायिक आधार के रूप में इसकी विश्वसनीयता कम रही।
यानी Excel को व्यवसाय प्रणाली या डेटाबेस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल करना शुरू से ही अव्यावहारिक था, और उसकी सीमा से आगे जाने ने कामी एक्सेल घटना को और तेज़ कर दिया।
इतिहास जो सार्वभौमिक संरचना दिखाता है
कामी एक्सेल का इतिहास सिखाता है कि “अल्पकालिक राहत” और “दीर्घकालिक ऋण” हमेशा साथ-साथ चलते हैं।
लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि “कामी एक्सेल” शब्द मूल रूप से बाद की पीढ़ियों का व्यंग्य है, और यदि सच्ची आईटी साक्षरता फैल जाती तो वह आदर्श उपकरण के रूप में बना रहता। यह मात्र असफलता की कथा नहीं, बल्कि फ्रंटलाइन नायकों द्वारा बनाए गए फल की कहानी है जिसे कोई भी आगे बढ़ाकर संभाल नहीं सका।
और यह वास्तविकता आगे भी जारी रहने वाली है। समाज में अचानक “सच्ची आईटी साक्षरता” फैल जाना कठिन है। इसीलिए, जब हम आधुनिक नो-कोड/लो-कोड या RPA को देखते हैं, तो उसी संरचना में गिरने से बचने के लिए तैयारी अनिवार्य है।
उद्धारकर्ता और लेगेसी बनाने वाली मशीन हमेशा एक बेहद पतली रेखा से अलग होते हैं। इस ऐतिहासिक सबक को याद रखते हुए हमें सिटिजन डेवलपमेंट का भविष्य सोचना चाहिए।
अगली कड़ी: आधुनिक सिटिजन डेवलपमेंट प्लेटफ़ॉर्म का उजाला और अंधेरा 3/7